विद्युत-धारा(Electric current) class 10th

विद्युत धारा— बिजली या विद्युत - धारा से हमारा तात्पर्य होता है, तारों से होकर आवेश ( charge ) का प्रवाह । हम जानते हैं कि पदार्थ के परमाणुओं ( atoms ) की रचना तीन मौलिक कणों से होती है- ऋण आवेशयुक्त इलेक्ट्रॉन ( electron ) , धन आवेशयुक्त प्रोटॉन ( proton ) तथा अनावेशित न्यूट्रॉन ( neutron ) । प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन परमाणु के केंद्रीय भाग में रहते हैं जिसे नाभिक ( nucleus ) कहते हैं । नाभिक के इर्द - गिर्द कुछ निश्चित कक्षाओं ( orbits ) में इलेक्ट्रॉन घूमते रहते हैं । इलेक्ट्रॉन पर जितने परिमाण ( magnitude ) का ऋण आवेश रहता है उतने ही परिमाण का धन आवेश प्रोटॉन पर रहता है । परमाणु में इलेक्ट्रॉनों तथा प्रोटॉनों की संख्या बराबर रहती है , अतः परमाणु विद्युततः उदासीन ( electrically neutral ) होता है । चूंकि परमाणुओं से ही वस्तुओं का निर्माण होता है , इसलिए उनमें समान परिमाण में धन तथा ऋण आवेश होने के कारण वे विद्युततः उदासीन होते हैं । कभी - कभी वस्तुओं में धन तथा ऋण आवेश का यह संतुलन बिगड़ता भी है । उदाहरण के लिए , जब हम एक काँच की छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ते हैं , तो काँच की छड़ के क...