प्रकाश का अपवर्तन और उसके नियम (Refraction of light and it's law)

प्रकाश का अपवर्तन क्या है ?

जब प्रकाश की किरणें एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में जाती है तो थोड़ा सा दिशा परिवर्तन होता है अर्थात प्रकाश थोड़ा सा मूड़ जाती यह घटना प्रकाश का अपवर्तन कहलाती हैं।

 प्रकाश के अपवर्तन की व्याख्या:-  

1. आपतित किरण - दो माध्यमों को अलग करनेवाली सतह पर पड़नेवाली प्रकाश - किरण को आपतित किरण ( incident ray ) कहते हैं ।

2. आपतन बिंदु - जिस बिंदु पर आपतित किरण दिए हुए माध्यमों को अलग करनेवाली सतह से टकराती है , उसे आपतन बिंदु ( point of incidence ) कहते हैं।

3. अभिलंब - किसी सतह के किसी बिदु पर खींचे गए लंब को उस बिंदु पर अभिलंब ( normal ) कहते हैं ।

4. अपवर्तित किरण - दूसरे माध्यम में मुड़कर जाती हुई प्रकाश किरण को अपवर्तित किरण ( refracted ray ) कहते हैं ।

5. आपतन कोण - आपतित किरण , आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलंब से जो कोण बनाती है , उसे आपतन कोण कहते हैं ।

6. अपवर्तन कोण - अपवर्तित किरण , आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलंब से जो कोण बनाती है , उसे अपवर्तन कोण कहते हैं।

* प्रकाश की किरणें विरल माध्यम से सघन माध्यम में  जाने पर अभिलंब की ओर मुड़ जाती हैै।

* प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाने पर अभिलंब हमसे दूर हटती है।

पार्श्विक विस्थापन किसे कहते हैं ?                             आपतित किरण और निर्गत किरण के बीच की लंबवत दूरी को पार्श्विक विस्थापन कहते हैं।

 अपवर्तनांक किसे कहते हैं ?                                      किसी माध्यम का अपवर्तनांक , शून्य में प्रकाश की चाल(c) और माध्यम में प्रकाश की चाल(Cm) के अनुपात (ratio) को माध्यम का अपवर्तनांक कहा जाता है।

 किसी माध्यम का अपवर्तनांक(n)=

 
NOTE:—
1.हवा और कांच में हवा विरल माध्यम है और काच सघन माध्यम हैै।
2.वायु और पानी में वायु विरल माध्यम और पानी सघन माध्यम है। 
3. किसी माध्यम का अपवर्तनांक जितना अधिक होता है आप और आपतित किरण उस माध्यम में उतनी ही अधिक मूड़ती है। 

 # नीचे कुछ महत्वपूर्ण पदार्थों के अपवर्तनांक दिए गए हैं इन्हें आप को याद कर लेना चाहिए—  

                                            

 आपेक्षिक अपवर्तनांक किसे कहते हैं ?
 दो माध्यमों के निरपेक्ष अपवर्तनांकको के अनुपात को आपेक्षिक अपवर्तनांक कहा जाता है

 प्रकाश के अपवर्तन के कितने नियम हैं —
 प्रकाश के अपवर्तन के दो नियम है , जो इस प्रकार है—

1. आपतित किरण, अपवर्तित किरण और आपतन बिंदु पर डाला गया अभिलंब तीनों एक ही समतल ( plane ) में होते हैं।

2. किन्हीं दो माध्यमों और प्रकाश के किसी विशेष वर्ण के लिए आपतन कोण की ज्या ( sine ) और अपवर्तन कोण की ज्या(sine) का अनुपात एक नियतांक होता है।         * अपवर्तन के इस दूसरे नियम को स्नेल का नियम भी कहा जाता है।
स्नेल के नियम से , 
               sin i/sin r= एक नियतांक (n)
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प्रिजम क्या हैं?
किसी कोण पर झुके दो समतल पृष्ठों के बीच घिरे किसी पारदर्शक माध्यम को प्रिज्म ( prism ) कहते हैं।
*प्रिज्म पाँच सतहों से घिरा होता है।प्रिज्म में तीन आयताकार सतहें और दो त्रिभुजाकार सतहें होती हैं।
प्रिज्म की व्याख्या:—
अपवर्तक पृष्ठ:— प्रकाश का आवागमन इसके जिन दो फलकों से होता है , उन्हें अपवर्तक पृष्ठ ( refracting surfaces ) कहते हैं।
अपवर्तक कोर:— प्रकाश का आवागमन इसके जिन दो फलकों से होता है , ये फलक जिस सरल रेखा पर मिलते है उसे प्रिज्म का अपवर्तक कोर कहते हैं।
* अपवर्तक पृष्ठों के बीच के कोण को अपवर्तक कोण या प्रिज्म का कोण कहते हैं।

प्रिज्म का आधार :— अपवर्तक कोर के सामने वाले पृष्ठ को प्रिज्म का आधार कहते हैं

प्रिज्म की मुख्य काट:— अपवर्तक कोर के लंबवत एक तल द्वारा प्रिज्म की काट को प्रिज्म की मुख्य काट कहते हैं।

विचलन कोण किसे कहते है?
आपतित किरण और निर्गत किरण के बीच के कोण को विचलन कोण कहते हैं।
*प्रिज्म का अपवर्तन कोण अधिक होने पर विचलन कोण का भी मान बढ़ता(अधिक होता) है।                                ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
लेंस किसे कहते है?
लेंस , पारदर्शक पदार्थ का वह टुकड़ा है , जो दो निश्चित ज्यामितीय सतहों से घिरा रहता है।

लेंस कितने प्रकार के होते है?
लेंस दो प्रकार के होते है—
नारे का भाग अधिक मोटा होता है।
अवतल लेंस तीन प्रकार के होतेे है—
(a) उभयावतल लेंस- इसके दोनों तल अवतल होते है।

(b) समतलावतल लेंस- इसका एक तल समतल और दूसरा अवतल होते है।

(c) उत्तलावतल लेंस- इसका एक तल उतल और दूसरा अवतल होता है।

2. उत्तल लेंस — 
उत्तल लेंस में किनारे की अपेक्षा मध्य भाग अधिक मोटा होता है।

उत्तल लेंस तीन प्रकार के होते है —
(a) उभयोत्तल लेंस- इसके दोनों तल उत्तल होते है। 

(b) समतलोतल लेंस- इसका एक तल समतल और दूसरा उतल होता है।

(c) अवतलोत्तल लेंस- इसका एक तल अवतल और दूसरा उत्तल होता है।

# लेंस की वृतीय परिधि के व्यास को लेंस का द्वारक कहते है।

लेंस की वक्रता केंद्र— लेंस को घेरनेवाली गोलीय सतह के केंद्र को लेंस की वक्रता केंद्र कहते हैं।

लेंस का मुख्य अक्ष— लेंस की सतहों के वक्रता - केंद्र से मिलानेवाली रेखा को लेंस का मुख्य अक्ष कहते है।






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