अविस्मरणीय घटना का वर्णन करें
अविस्मरणीय घटना
कहा जाता है,कि मानव और प्रकृति के बीच एक अटूट संबंध है।
प्रकृति को जीवन का उपहार माना जाता है ।प्रकृति को माता की दर्जा दी जाती है। इसकी गोद में हम खेलकर छोटेे से बड़े होते हैं ।और हम इस की गोद में परम सुख का अनुभव करते हैं । लेकिन कई बार ऐसा होता है कि प्रकृति का हमें कठोर से कठोर रूप भी देखना पड़ता है।
ऐसी स्थिति में प्रकृति अत्यंत विनाशकारी रूप धारण कर लेती है ।अभी हाल ही पिछले साल में हमारे यहां एक भयंकर घटना हुई ।पूरे बिहार को यह दृश्य देखना पड़ा वर्षा के दिनों में गंगा नदी और बिहार शोक कोशी नदी के अलावे कई अन्य नदियों का जलस्तर कितना बढ़ गया था कि पूरे बिहार में भयंकर बाढ़ की समस्यया बन गई थी।और ऐसा ही हआ बाढ़ का पानी पूरा मेरे गांव तक पहुँँच चुका था ।
अब यहां पर मेरा गांव इस बाढ़ में डूबता हुआ नजर आ रहा था। हमार घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका था । उसके बाद मेरे गांव की स्थिति बहुत ही नाजुक हो गई। और हमारे गांव की सारी फसलें ईस बाढ में डूब चुकी थी । यहां परिस्थिति इतनी नाजुक हो गई कि हम सभी को संभलने का मौका भी नहीं दिया ।लोग अपने घरो से निकलकर जहाँ भी ऊँँचा जगह था वहाँ पर जाकर रहने लगे ।
पूरे गांव में लगभग 6 फुट तक पानी भर चुका था । हमारे यहां अब सरकार द्वरा धीरे-धीरे यहां हेलीकॉप्टर से चुरा और गुड़ के पैकेट गिराए जाने लगे ।कभी कभी चावल और आटे भी यहां पर हेलीकॉप्टर से गिराए जाते थेे। वहां पर हेलीकाप्टर की मदद से सलाई मोमबती ,नमक, किरासन तेल और अन्य मसाले भी बांटे जाने लगे थे। इसमें कुछ स्वयंसेवक संघ के अधिकारीयो ने भी हमारी बहुत ही मदद की। यहां पर उन्होंने भी अहम भूमिका निभाई । यह घटना मेरे जीवन की सबसे बड़ी अविस्मरणीय घटना हैं।मेरे जीवन का यह सबसे बड़ा हृदय विदारक दृश्य था।
बाढ की इस अविस्मरणीय घटना को याद करके आज भी मेरा पूरा शरीर सिहर उठता है।
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